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Uploaded On 2024-12-11 12:30:36

नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बने युवा : सीएम आतिशी

सभी यूनिवर्सिटीज और आईटीआई के लिए "बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर" प्रोग्राम को लांच किया।

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के स्कूलों में मिली शानदार सफलता के बाद अब दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटीज और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (आईटीआई) में भी बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का आगाज हो चुका है। मंगलवार को सीएम आतिशी द्वारा इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली में दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटीज और आईटीआई के लिए "बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर" प्रोग्राम को लांच किया। लॉंचिंग के अवसर पर दिल्ली सरकार के स्कूलों के पूर्व स्टूडेंट्स जो अब सफल एंत्रप्रेन्योर्स बन चुके है, द्वारा एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया जहाँ उन्होंने सभागार में मौजूद स्टूडेंट्स को 2000 की सीडमनी के साथ शुरू किए अपने बिज़नेस जर्नी के बारे में साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने अपने बिज़नेस आईडिया को सफल एंटरप्राइज में बदला। बता दे कि, इस प्रोग्राम के तहत दिल्ली सरकार के यूनिवर्सिटीज और आईटीआई में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को उनके बिज़नेस आईडिया के लिए प्रति टीम 50,000 रुपये तक की सीड मनी दी जाएगी। स्टार्ट-अप शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए टीमों को मेंटरशिप भी दी जाएगी। दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटीज और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स में बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम की शुरुआत पर सभी को बधाई देते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि, "हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में बिज़नेस ब्लास्टर्स की शुरुआत आने वाले भविष्य के जॉब क्रिएटर्स तैयार करेगा जो बेरोजगारी की समस्या को दूर कर भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनायेंगे।"क्यों हमारे स्कूलों-कॉलेजों में बिज़नेस ब्लास्टर्स की जरूरत सीएम आतिशी ने कहा कि, "स्कूलों में, कॉलेजों में इतने विषय पढ़ाए जाते है। इतनी परीक्षाएं होती है लेकिन इन सब के अलावा ऐसी क्या ज़रूरत पड़ी कि हमनें स्कूलों में बिज़नेस ब्लास्टर्स की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार के सभी यूनिवर्सिटी चाहे वो अम्बेडकर यूनिवर्सिटी हो, एनएसयूटी हो, आईआईआईटी दिल्ली हो इन सभी में स्टूडेंट्स की बहुत अच्छी प्लेसमेंट होती है, उन्हें लाखों के पैकेज मिलते है। फिर भी यहाँ बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम शुरू करने की क्यों ज़रूरत हुई।" उन्होंने कहा कि, "ये सपना वहाँ से शुरू हुआ जब हमनें पूरी दुनिया को देखा। आज हम दुनियाभर की सबसे बड़ी और सबसे नामी कंपनियों को देखे तो उनमें से अधिकतर में भारतीयों को बोलबाला है। भारतीय उन कंपनियों में शीर्ष पदों पर है।"भारतीयों के टैलेंटेड होने के बावजूद आज देश में ग्रेजुएट करने वाले 42% युवा बेरोजगार है सीएम आतिशी ने कहा कि, "भारतीय बहुत टैलेंटेड होते है, दुनिया भर की बड़ी कंपनियों को चला रहे है लेकिन उसके बावजूद ऐसा क्यों है कि, हमारे देश में इतनी ज़्यादा बेरोजगारी है। ग्रेजुएट करने वाले युवाओं का आंकड़ा देखे तो उनमें से 42% लोग बेरोजगार है।" उन्होंने कहा कि हम जब स्कूलों में थे तब नौंवी क्लास में इकोनॉमिक्स की किताबों में पढ़ते थे कि दुनिया में तीन तरह के देश होते है। विकसित देश, विकासशील देश, अविकसित देश और भारत एक विकासशील देश है। और 2020 तक भारत विकसित देश बन जाएगा। लेकिन 2020 बीतने के बाद भी आज भी हमारी इकोनॉमिक्स की किताब में यही लिखा हुआ है कि भारत एक विकासशील देश है।" डर और दबाव ने रोकी भारत की उड़ान,प्रतिभाशाली युवाओं को नौकरी खोजने तक सीमित कर दिया सीएम आतिशी ने कहा कि, "भारतीयों के इतना प्रतिभाशाली और सफल होने के बावजूद क्यों हमारा देश आगे नहीं बढ़ पाया, क्यों हमारी अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ पाई और क्यों हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाए?" उन्होंने कहा कि, "ये सब इसलिए हुआ क्योंकि हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के मन में बहुत कम उम्र से ही हमारे पेरेंट्स-पड़ोसियों के द्वारा एक डर पैदा कर दिया जाता है, दबाव बनाया जाता है कि अच्छे से पढ़कर अच्छी नौकरी ले लो वरना जिंदगी में कुछ नहीं कर पाओगे। यहाँ शिक्षा का पूरा मकसद सिर्फ एक होता है कि, अच्छी नौकरी ढूँढनी है। अगर सभी नौकरी मांगने वाले बनेंगे तो नौकरी देने वाला कौन बनेगा? बिज़नेस ब्लास्टर्स इस सवाल का जबाव सीएम आतिशी ने कहा कि, "ये डर सबके मन में पैदा कर दिया जाता है। हमारे अंदर एक माइंडसेट तैयार किया जाता है कि ज़िंदगी में कोई रिस्क नहीं लेना है। इसका नतीजा ये हुआ कि, दूसरे देशों में जहाँ  प्रतिभाशाली युवा बड़े स्टार्ट-अप्स शुरू करते है वही हमारे देश के प्रतिभाशाली युवा नौकरियों की तलाश कर रहे होते है।" लेकिन अगर हमारे सभी प्रतिभाशाली युवा नौकरी ढूँढने की लाइन में लग जाएँगे तो नौकरी देने वाला कौन बनेगा? इस सवाल के जबाब का रूप में बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत हुई। सीएम आतिशी ने कहा कि, "आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था को किसी चीज की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है तो वो नौकरियों की ज़रूरत है। मैकेंजी की रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत में 90 मिलियन नौकरियों की ज़रूरत है। लेकिन ये नौकरियां कौन देगा?" उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि, "आज के कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के स्कूलों से निकले 3 यंग एंत्रप्रेन्योर्स स्टेज पर जिस आत्मविश्वास के साथ आकर अपने स्टार्ट-अप के बारे में बात कर रहे है। अगर 19 साल के ये बच्चे दिल्ली सरकार के यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले बच्चों को स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए गाइडेंस दे रहे है तो अब मुझे इस बात पर भरोसा है कि ये लोग ही इन नौकरियों की जरूरत को पूरा करेंगे। साथ ही बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम की शुरुआत के साथ यकीन है कि आप भी इस देश के लिए जॉब क्रिएटर्स बनेंगे।"बिज़नेस ब्लास्टर्स ने स्टूडेंट्स के मन से डर को खत्म कर आत्मविश्वास पैदा किया सीएम आतिशी ने कहा कि, "बिज़नेस ब्लास्टर्स ने हमारे स्टूडेंट्स के मन से बचपन से ही पैदा हुए डर को ख़त्म करने का काम किया है। ये अब रिस्क लेने लगे है कि एक स्टार्टअप सफल नहीं हुआ तो दूसरा कर लेंगे, दूसरा सफल नहीं हुआ तो तीसरा शुरू कर लेंगे। उन्होंने कहा कि, अब उन्हें अपनी ज़िंदगी को आगे बढ़ाने के लिए, इस देश की  अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए किसी पर आश्रित रहने की ज़रूरत नहीं है।" सीएम आतिशी ने दिल्ली सरकार के स्कूल में बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत अपना लोजिस्टिक्स का स्टार्ट-अप शुरू करने वाले छात्र आशीष की कहानी साझा करते हुए बताया कि, "12 वीं के छात्र आशीष ने बिज़नेस ब्लास्टर्स से सीखकर अपना लोजिस्टिक्स का बिज़नेस शुरू किया और आज वो अपनी कंपनी में 50 लोगों को नौकरियां दे रहा है।"एक अन्य छात्रा की कहानी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि, "पूर्वी दिल्ली के एस सरकारी स्कूल में 12 वीं की छात्रा जिसका ब्लूटूथ स्पीकर का स्टार्टअप था, उससे एक निवेशक ने अपना बिज़नेस बढ़ाने के विषय में पूछा तो 12 वीं की वो छात्रा जिसकी उम्र के बच्चे जेईई क्वालीफाई करने के सपने देखते है, उसने जबाव दिया कि, वो आईआईटी दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियरिंग पासआउट को अपने यहां नौकरी पर रखेगी।" सीएम आतिशी ने कहा कि, "हमारे छात्रों का ये आत्मविश्वास मुझे इस बात का भरोसा दिलाता है कि वो अपनी ज़िंदगी में ज़रूर सफल होंगे। क्योंकि उनमें सिर्फ़ सपना देखने ही नहीं बल्कि उसे पूरा करने का आत्मविश्वास भी है।"उन्होंने कहा कि, "बिज़नेस ब्लास्टर्स के साथ जो सपना हमने अपने स्कूलों के लिए देखा वही सपना हमारी यूनिवर्सिटीज के लिए भी है। आज बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर प्रोग्राम की शुरुआत के साथ अपने बिज़नेस आइडियाज़ को स्टार्ट-अप में तब्दील करने के लिए हम टीमों को 50,000 रुपये की सीड मनी देंगे। और मुझे भरोसा है कि, आज जो स्टूडेंट्स यहाँ बैठे है वो आने वाले 10 सालों में बिज़नेस ब्लास्टर्स सीनियर्स से सीखकर भविष्य के बड़े एंत्रप्रेन्योर बनेंगे, बड़े स्टार्ट-अप के फाउंडर बनेंगे और इस देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनायेंगे।"