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Uploaded On 2024-12-11 12:07:10

निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा बुलन्दशहर पहुँची

संवैधानिक अधिकार यात्रा का आज ग्याहरवें दिन जनपद बुलन्दशहर पहुँची।

बुलंदशहर।  निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के तत्वावधान में निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा का आज ग्याहरवें दिन जनपद बुलन्दशहर पहुँची। जनपद बुलन्दशहर में यात्रा आज दूसरे दिन खुर्जा से बगराई से यारौली से सलेमपुर से मगरौल से बुढ़ाना से सरावा से करैइरा से पसूरम चौक (शिकारपुर), मानपुर (जनसभा) से भाईपुर दोराहा से बजेडा से तल बोलियाना से सौराखा से खुशरूपुर बगिया से डिबाई दोहरा से टोल नारौरा से नारौरा (जनसभा) के पश्चात यात्रा जनपद अमरोहा के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा जनपद सहारनपुर से प्रारंभ हुई है और जनपद सोनभद्र तक 200 विधानसभा का सफ़र तय करेगी और यात्रा का समापन नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में किया जाएगा। श्री निषाद जी ने कहा कि बुलन्दशहर जनपद का निषाद पार्टी गठन से लेकर आज तक हमेशा अपार प्रेम और साथ मिलता रहा है, आज यात्रा के दूसरे दिन भी निषाद/कश्यप/मछुआ/केवट समाज में समर्थन मिल रहा है, वो किसी आशीर्वाद से कम नहीं है क्योंकि समाज के साथ बिना कोई भी यात्रा सफल नहीं हो सकती है, मछुआरों की आवाज़ दिल्ली तक जानी चाहिए जिसके लिए संवैधानिक अधिकार रथ यात्रा निकाली जा रही है क्यूकी पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज के हक़ अधिकार पर डाका डालने का काम किया था. और ऐसे में निषाद पार्टी का एक मात्र लक्ष्य है कि मछुआ समाज के आरक्षण के मुद्दे पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाये ताकि मछुआ सामाज जो अपनी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक पिछड़ेपन को दूर कर सके। पूर्व की सरकारों ने अपने चाहते को नौकरी व सरकारी योजनाओं के लाभ दिलवाने का कार्य किया है। संवैधानिक रथ यात्रा के माध्यम से मछुआ समाज को जोड़ने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है, प्रदेश के कश्यप, निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कहार, धीवर, बाथम समेत अन्य 17 उपजातियों का अनुसूचितजाति का लाभ नहीं मिल जाने तक समाज को एकजुटता दिखानी होगी।  उन्होंने कहा कि यात्रा का माध्यम से मछुआ समाज की सभी उपजातियों को संदेश देने का काम किया जा रहा है, मा० प्रधानमंत्री जी के नारे को प्रेरणा मानते हुए “एक है तो सेफ़ है” के नारे को बुलंद किया जा रहा है क्योंकि पूर्व की सरकारों मछुआ समाज की उपजातियों को बाटने के काम करते हुए, इनको मिलने वाले संवैधानिक अधिकारों पर डाका डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही देश में जनगणना होने वाली है, मछुआ समाज से अपील करते हुए कहा कि केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, धीवर, रायकवार, कश्यप, बाथम, तुरैहा, भर, राजभर समेत सभी अन्य 17 उपजातियों को अपनी गिनती संविधान में सूचीबद्ध अनुसूचितजाति मझवार और तुरैहा में करवाये। उन्होंने कहा कि 1961 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70 लाख मझवार की आबादी अंकित थी किंतु धीरे-धीरे वो गिनती बढ़ने की बजाय घटती चली गई और 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार रह गई है। (नोट:- मझवार सेंसस मैन्युअल 1961 एपेंडिक्स फॉर उत्तरप्रदेश के अनुसार अनुसूचितजाति के क्रमांक 51 नंबर पर अंकित है)। उन्होंने कहा कि आख़िर किस अधिकार के तहत पूर्ववर्ती सरकारों ने मझवार की संख्या को कम करने का कार्य किया है, आज विपक्ष में बैठे पूर्व के सत्ताधीश लोग जातीय जनगणना को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते है उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती को चैलेंज देते है आये और मझवार व तुरैहा की आबादी की में हुए हेर-फेर व कम होने के मामले पर खुली बहस करें, आख़िर 1961 के अनुसार 70 लाख मझवार की आबादी थी तो 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार कैसे रह गई, आख़िर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की बैसाखी पर चल रही 2011 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने कौन सी जनगणना करवाई थी कि आबादी कम हो गई। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी बनाने का संकल्प उन्होंने श्रृंगवेरपुर धाम पर लिया था और निषाद समाज के गौरवशाली इतिहास को पुनः जीवित करने को लेकर उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से लगातार माँग करते रहे थे, जल्द ही वो दिन आने वाला है जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री और प्रदेश के पूज्य मुख्यमंत्री जी श्रृंगवेरपुर धाम को तीर्थक्षेत्र घोषित करने वाले है, श्रृंगवेरपुर में महाराजा गुह्यराज निषाद जी और प्रभु श्री राम जी की 56 फीट की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है, महाराज गुह्य राज निषाद जी का ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है, निषादराज पार्क बनकर लगभग तैयार हो गया है,  अयोध्या से चित्रकूट तक बनाए जा रहे राम वन गमन पथ के दो चरणों का भी लोकार्पण करेंगे, पथ भी श्रृंगवेरपुर से होकर ही निकलेगा, जिस पर लगभग 4200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, यहां 1100 करोड़ रुपये में प्रदेश सरकार द्वारा गंगा पर पुल भी बनाया जा रहा है। श्रृंगवेरपुर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने जा रही है, जिससे की निषाद समाज का गौरवशाली इतिहास विश्वपटल पर प्रदर्शित होगा। उन्होंने कहा कि वो अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं कि जिस समाज के हक़ अधिकार की लड़ाई वो लड़ रहे थे, उन्हीं की सेवा करने का मौक़ा यशस्वी मुख्यमंत्री जी ने दिया है, उन्होंने कहा कि मछुआ समाज का बेटा ही मछुआ समाज और मत्स्य विभाग को भलीभाँति से समझ सकता है क्योंकि सामाजिक ताना-बाना मछुआरों का दर्द मछुआ समाज का बेटा ही समझ सकता है, आज प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के मछुआ समाज को मिल रहा है। इस अवसर पर पूर्व सांसद ई० प्रवीण निषाद जी, डॉ अमित निषाद जी, श्री बाबू राम निषाद जी, श्री जितेंद्र निषाद, श्री नरेश कश्यप, श्री राज कुमार कश्यप, श्रीमती सरस्वती निषाद, श्री धर्मेंद्र कश्यप, श्री जोगेंद्र कश्यप, श्री अर्जुन चौधरी, श्रीमती गुंजा निषादमाँ श्रीमती जनकन्दनी निषाद, श्रीमती आरती निषाद समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।