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Uploaded On 2024-12-04 13:48:03

पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए आचरण में लाना होगा बदलाव: डॉक्टर रूपनारायण

ई-वेस्ट चैलेंज एवं अपॉर्चुनिटी विषय पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया।

बुलंदशहर। आई0पी0 कॉलिज, बुलन्दशहर में ई-वेस्ट चैलेंज एवं अपॉर्चुनिटी (E-waste Challenges  and opportunities) विषय पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो0 रूप नारायण, सेवानिवृत प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, प्रो0 अनामिका त्रिपाठी, प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, हिन्दू कॉलिज, मुरादाबाद तथा समाजसेवी श्रीमती रीना त्यागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं का स्वागत महाविद्यालय प्राचार्य डॉ0 अरविन्द कुमार द्वारा पुष्प भेंट कर किया गया।सेमीनार के मुख्य वक्ता प्रो0 रूप नारायण ने उपस्थित विद्यार्थियों को समाज मेें फैले इलैक्ट्रॉनिक उत्पादों में प्रयोग आने वाले आर्सनिक, बैरीलियम, कैडमियम, निकल, जिंक, लैड़, क्रोमियम आदि खतरनाक पदार्थों के दृष्प्रभाव से अवगत कराते हुए बताया कि किस प्रकार यह सभी जीवों के लिए टॉक्सिक होते हैं। उन्होनें बताया कि इससे बचाव हेतु भारत सरकार के द्वारा “द ई-वेस्ट (मैनेजमैंटव हैन्डलिंग)” नियम 2016 से लागू किया गया है,  जिसमें ई-कचरे की रीसायक्लिंग पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है जिससे वातावरण में फैले प्रदूषण को कम किया जा सके। प्रो0 अनामिका जी ने अपने वक्तव्य में इसी ई-कचरे को रियूज करने तथा भारी मैटल्स को निकाल कर उन्हें पुनः इस्तेमाल योग्य बनाया जाने कि विभिन्न तकनीक सभी से साझा की तथा इसके उपयोग से स्जृति होने वाले नए रोजगारों से भी सभी को अवगत कराते हुए विद्यार्थियों को जागरूक किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में समाजसेवी श्रीमती रीना त्यागी जी ने भी गूगल मीट के माध्यम से सेमिनार में उपस्थित विद्यार्थियों के मध्य अपने विचार साझा किये। उन्होनें कचरा प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया तथा बताया कि सही प्लानिंग करके किस प्रकार हम कुंभ जैसे बडे़ आयोजनों में भी वातारण प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। इस क्रम में महाविद्यालय की उप-प्राचार्या प्रो0 पूनम पालीवाल ने सदन को बताया कि बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ प्रतिदिन कचरे की समस्या जोर पकड़ रही है, केवल वर्ष 2022 में ही विश्व में 62 मिलियन टन-इ-कचरे का उत्पादन हुआ। अगर समय रहते रीसाइंक्लिग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वातावरण एवं स्वास्थ्य दोनों की ही स्थिति बहुत ही भयावह हो जाएगी। सेमिनार के अन्त में प्राचार्य डॉ0 अरविन्द कुमार ने सेमिनार में उपस्थित मुख्य वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि इस समस्या के निवारण हेतु युवा वर्ग को प्रोत्साहित एवं जागरूक करना अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिए ऐसे कार्यक्रम कर समाज को जागरूक किया जा सकता है। सेमीनार में लगभग 75 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रो0 यशवन्त राय, श्रीमती शिखा राजपूत, डॉ0 अखिलेश, पूर्व छात्र अभिनव वर्मा सिंह, श्री रंजीत कुमार मौर्य, श्री मुनेश कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन में श्री सागर सक्सैना, श्री अनुज चौधरी, श्री विश्वराज राघव का सहयोग रहा।