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Uploaded On 2024-12-04 13:45:31

शादी समारोह में पनीर खाना जीवन से खिलवाड़

जब नगर के लगभग 90% डेयरी संचालक अपना पनीर बना ही नहीं रहे तो आखिर समारोही सीजन में इतने पनीर की सप्लाई कहां से हो रही है।

बुलंदशहर। डिबाई नगर में शादी समारोह के सीजन में समारोह में जाना तथा वहां स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ लेना आपके जीवन के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। हर शादी समारोह में स्वादिष्ट व्यंजनों में पनीर से बने लगभग आधा दर्जन व्यंजन आपके पेट में अवश्य स्थान प्राप्त करते हैं। लेकिन वो पनीर की गुणवत्ता क्या और कैसी है इससे अनजान आप निश्चित ही अधिकांश शादी समारोह में मीठा जहर का सेवन कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो सभी समारोहों में पनीर से निर्मित व्यंजन अवश्य ही होते हैं। अब प्रश्न ये है कि जब नगर के लगभग 90% डेयरी संचालक अपना पनीर बना ही नहीं रहे तो आखिर समारोही सीजन में इतने पनीर की सप्लाई कहां से हो रही है। ज्ञात हो कि विगत दिवसों में जनपद बुलंदशहर के खुर्जा में तहसील तथा खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए सैकड़ों कुंटल मिलावटी पनीर तथा सिंथेटिक दूध का ज़खीरा बरामद किया था। जिसमें न सिर्फ उक्त मिलावटी सामिग्री को प्रशासन द्वारा नष्ट कराया गया बल्कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की गई। लेकिन जिले के बड़े माफियाओं की कमर तोड़ देने के बाद भी डिबाई नगर तथा क्षेत्र में न तो इस काले कारोबार पर ही रोक लगी और न ही किसी माफिया पर कोई कार्यवाही ही हुई। सूत्रों की माने तो सिंथेटिक पनीर का ये खुला और काला कारोबार नगर के होली गेट इलाके में मौजूद रौनक मार्केट के निकट एक दुकान से किया जा रहा है। जहां प्रतिदिन कभी एक बार तो कभी दो बार मैक्स अथवा लोडर वाहन से कई कुंटल पनीर आयात होता है। जिसे चंद मिनटों में ही डिबाई नगर के अधिकांश डेयरी संचालकों की दुकानों पर बांट दिया जाता है। इतना ही नहीं उपरोक्त स्थान से संबंधित माफिया द्वारा नगर तथा क्षेत्र के मैरिज होम में बुकिंग के आधार पर सप्लाई कर दिया जाता है। ऐसा नहीं है कि इस सब के विषय में तहसील प्रशासन अथवा खाद्य सुरक्षा विभाग को जानकारी नहीं है, बस कार्यवाही संभव नहीं होती। ज्ञात हो कि इस संबंध में विगत माह में डिबाई एसडीएम कमलेश कुमार गोयल को मिली सूचना पर एसडीएम डिबाई ने लोकल की टीम के स्थान पर जिले से खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को छापे मारी के लिए बुलाया था। परंतु इसकी सूचना अधिकारियों के डिबाई पहुंचने से पहले ही लीक हो गई। जिसके चलते मिशन फेल हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे रैकेट का संचालन नगर के हलवाई संघ के नेतृत्व में किया जा रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर नगर के व्यवसायी ने बताया कि तमाम डेयरी तथा मिठाई विक्रेता से 2000 से 2500 रूपये प्रति दुकान एकत्र करके डिबाई पर तैनात खाद्य सुरक्षा निरीक्षक को पहुंचा दिया जाता है। जिसकी दलाली करते हुए सुविधा शुल्क लेने वाला व्यक्ति किसी भी संभावित कार्यवाही से पहले ही संबंधित लोगों को छापेमारी की जानकारी पूर्व में ही दे देता है। जिससे सभी डेयरियां तथा हलवाई खाना बंद कर लिया जाता है। यदि ऐसा नहीं है तो आज तक नगर के छोटा बाजार स्थित विशेष आशीर्वाद प्राप्त तीन मिठाई विक्रेताओं के साथ साथ नगर के मुख्य मिलावटी पनीर माफिया पर कोई सैंपलिंग अथवा कार्यवाही क्यों नहीं हुई। क्या ये महज इत्तेफाक है। यदि हां तो निश्चित ही ये इत्तेफाक नगर के खाद्य सुरक्षा निरीक्षक सहित विभागीय अधिकारियों की निष्पक्ष तथा ईमानदार नीयत पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। अब देखना है कि क्या मानव जीवन से खिलवाड़ करने वाले उन ढीठ कर्मचारियों तथा जहर की दुकान चलाने वालों पर कोई कार्यवाही होगी या हम और आप ऐसे ही विवाह शादियों में जहरीला पनीर और खोवा चुप चाप खामोशी से खाते रहेंगे।