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Uploaded On 2025-05-25 20:31:38

बेमौसम बारिश ने ईंट भट्टों पर ढाया कहर, करोड़ों का नुकसान

बेमौसम बारिश ने ईंट भट्टों पर ढाया कहर, करोड़ों का नुकसान

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

बुलंदशहर (हितेश शर्मा)। बुलंदशहर में मई महीने की बेमौसम बारिश ने ईंट भट्टा संचालकों की कमर तोड़ दी है। लगातार हुई बारिश के चलते खुले मैदानों में पथाई गई कच्ची ईंटें मिट्टी में तब्दील हो गईं, जिससे जिले में ईंट भट्टा मालिकों को बीसियों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ईंट भट्टा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि कच्ची ईंटों का निर्माण खुले में होता है और सूखने के बाद ही उन्हें भट्टे में पकाया जाता है, लेकिन बारिश ने यह प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही सब कुछ बर्बाद कर दिया।


एनसीआर क्षेत्र में नियमानुसार भट्टे वर्ष में केवल चार महीने—1 मार्च से 30 जून तक—ही चल सकते हैं। ऐसे में दोबारा ईंट बनाकर उन्हें पकाने का समय अब शेष नहीं है। संजय गोयल ने यह भी बताया कि भट्टा मालिकों को मुंशी, मुनीम, चौकीदार, सेल टैक्स, रॉयल्टी, जमीन का किराया, ऑफिस खर्च और बिजली का बिल पूरे बारह महीने भरना पड़ता है, लेकिन उत्पादन केवल चार महीनों तक ही सीमित रहता है। इस बार बारिश के चलते तीन ही महीने काम हो पाया है, जिससे लागत दोगुनी हो गई है।


एनसीआर क्षेत्र में बाहर से अवैध रूप से लाई जा रही ईंटों की बिक्री ने पहले से ही स्थानीय भट्टा मालिकों की परेशानियां बढ़ा रखी थीं, और अब बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी है। समिति के सचिव हरिओम शर्मा ने सरकार से जीएसटी और रॉयल्टी में 50 प्रतिशत की छूट की मांग की है। वहीं प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि पूरे प्रदेश में ईंट उत्पादन के लिए एक समान नियम हों, ताकि ईंट बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। कोषाध्यक्ष अमित गुप्ता का कहना है कि कम उत्पादन के कारण ईंटों की बिक्री दर भी प्रभावित होगी, जिससे निर्माण कार्य महंगा हो जाएगा।