See
News
Videos
🚨 Breaking News :
उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर परिसर में भीषण आग लगी, दमकल गाड़ियां पहुंचीं | 🚨 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने मुलाकात की | 🚨 | नड्डा की अध्यक्षता में BJP मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक जारी | 🚨 | किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 7 मई को रेल रोकने का ऐलान किया | 🚨 | संभल मंदिर-मस्जिद विवाद पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर होगी सुनवाई | 🚨 |

News details

image
Uploaded On 2025-05-18 17:39:16

आईआईएम लखनऊ करेगा बुलंदशहर की वाटरशेड योजना पर केस स्टडी, ग्रामीण विकास मॉडल की मिली सराहना

आईआईएम लखनऊ करेगा बुलंदशहर की वाटरशेड योजना पर केस स्टडी, ग्रामीण विकास मॉडल की मिली सराहना

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

बुलंदशहर (हितेश शर्मा)। शनिवार को आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर एस. वेंकटारमणैय्या ने बुलंदशहर जनपद में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वाटरशेड विकास घटक का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी एवं प्रभारी भूमि संरक्षण अधिकारी श्री राम कुमार यादव ने बताया कि जनपद के जल संकटग्रस्त और अति-दोहित क्षेत्रों में 9 माइक्रो वाटरशेड कोड के अंतर्गत वर्षा जल संग्रहण, भूमि सुधार, मृदा संरक्षण एवं बहुउद्देशीय कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य चल रहा है। यह योजना ग्रामीण आजीविका को स्थायित्व प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम बन चुकी है।


भूमि संरक्षण इकाई द्वारा तालाबों के जीर्णोद्धार के कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे न केवल जल स्तर में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों को सिंचाई के साथ-साथ मछली पालन, सिंघाड़ा खेती और मोती पालन जैसी गतिविधियों से अतिरिक्त आय के अवसर भी मिल रहे हैं। इस योजना के तहत किसान एकीकृत कृषि प्रणाली जैसे केंचुए की खाद, पशुपालन, बागवानी, जैविक खेती, फूलों की खेती और बकरी पालन के माध्यम से अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं, वहीं महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेकर स्वावलंबी बन रही हैं।


ग्राम धमरा कीरत के किसान श्री अशोक कुमार के यहां तालाब निर्माण कराए जाने के बाद वे अब मछली पालन के साथ मोती पालन भी कर रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इच्छुक किसान बेंगलुरु और कोलकाता से सीप मंगवाकर सावधानीपूर्वक उनमें कैल्शियम डालकर 18 से 24 महीनों में मोती तैयार कर सकते हैं और इन आर्टिफिशियल मोतियों के विक्रय से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।


आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर ने भूमि संरक्षण इकाई द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इस योजना के प्रभाव को लेकर आईआईएम लखनऊ द्वारा एक केस स्टडी की जाएगी, जो देशभर के लिए एक प्रेरणास्रोत मॉडल बन सकती है।