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Uploaded On 2025-03-07 08:19:41

विधायक सुरेश गुर्जर ने विधानसभा में पेयजल, सिंचाई, विस्थापितों के मुआवजे और जल जीवन मिशन पर उठाई मांग

क्षेत्र की समस्‍याओ को उठाया और उनके निराकरण की मांग उठाई है।

झालावाड़ 06 मार्च खानपुर विधायक सुरेश गुर्जर ने विधानसभा के बजट सत्र में अनुदान की मांग संख्या 41 42, पेयजल और जल संसाधन  की चर्चा में भाग लेकर क्षेत्र की समस्‍याओ को उठाया और उनके निराकरण की मांग उठाई है। सुरेश गुर्जर ने कहां कि मै अपने आपको सौभाग्‍य शाली मानता हूं।कि मैं राजस्‍थान के झालावाड  जिले से चुन कर आता हूं।जहां सबसे ज्‍यादा बारिश होती है।  सबसे ज्‍यादा नदीया बहकर निकलती है।सबसे ज्‍यादा तालाब और डेम हमारे जिले में है।इस बात की भी खुशी है।कि हमारे जिले से बहने वाली नदीया परवन,कालीसिंध,आहु,उजाड, रेवा,छापी आदि नदियों के पानी से ही राज्‍य के 17 जिलो को  महत्‍वाकांक्षी रामसेतु‍ लिंक परियोजना ईआरसीपी योजना के माध्‍यम से पानी मिलेगा नदिया भी हमारे यहां है।डेम भी है।,तालाब है।,पानी भी है।, इसके बावजूद भी नदियों के किनारे बसे लोग और खेत,आज भी प्‍यासे है।मंडावर बेल्‍ट में पानी की समस्‍या का मामला उठाते हुए विधायक सुरेश गुर्जर ने कहां कि  असनावर तहसील  की 7 ग्राम पंचायत मंडावर,अकतासा, पनवासा,गोरधनपुरा,कोलाना, रूपारेल के 50 से ज्‍यादा गांवो में  पीने और सिचांई के लिए पानी नही है।जबकि इन गांवो के एक तरफ तो भीम सागर डेम बना हुआ है।और दुसरी  तरफ  कालीसिंध नदी पर डेम बना हुआ है।फिर भी यह पानी के लिये तरस रहे है।सरकार से इस क्षेत्र में लिफ्ट परियोजना बना कर सिंचाई और पीने के लिये पानी उपलब्‍ध कराने की मांग की बकानी तहसील में चेकडेम और एनीकट की मांग उठाते हुए विधायक सुरेश गुर्जर ने कहां कि  ग्राम पंचायत आगरिया, कुशलपुरा,बरखेडा,गुराडखेडा, गरवाडा,खेरिया के 40-50 गांवो में न तो पीने का पानी है।न खेती के लिए पानी है।अभी गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है।उस इलाके में पीने का पानी भी टेंकरो से सप्‍लाई होता है।जबकि यहां पर उपजाउ भूमि है।कई खाल,नाले है।जिनका पानी बह कर निकल जाता है।यहां पर खेती के अभाव में लोग पलायन कर रहे हैं।यहां पर छोटे चेकडेम और एनिकट की मांग लंबे समय से की जा रही है।यहां पर नाले व खालो को चिन्हित कर छोटे एनीकट व डेम बनाये जाएं चर्चा के दौरान विधायक सुरेश गुर्जर ने कहां कि परवन सिंचाई वृहत परियोजना के अंतर्गत सिंचाई और पेयजल पहुंचाने की महत्‍वाकांक्षी योजना बजट के अभाव में उपेक्षा का शिकार हो रही है।इस परियोजना के अंतर्गत डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगो को अभी तक भी पूरा मुआवजा नही दिया गया है। किसान मुआवजा के लिए दर दर भटक रहे है।राजकीय भूमि जैसे वन,सिवायचक आदि पर बने 587 मकानो के मुआवजे का प्रस्‍ताव बजट के अभाव में अटका हुआ है।साथ ही उन विस्‍थापितो की कॉलोनीयों में कोई मूलभूत सुविधाएं नही  है। इसी प्रकार आंशिक डूब प्रभावित गांव महुआ खेडा, दौलाडा,बोरखेडी,अकावद कलॉ, अकावद खुर्द,हनोती गांवों को पूर्ण डूब घोषित करने की मांग भी लंबे समय से लंबित है।इन्‍हे पूर्ण डूब प्रभावित घोषित कर मुआवजा दिया जाने की मांग भी उठाई  सा‍थ ही कहां कि परवन वृहत परियोजना से छूटे हुए ग्राम पंचायत करनवास,तारज, मालनवास,धानोदा,बीसनखेडी और हरिगढ के सभी गांवो को सिंचाई परियोजना से जोडा जाएं खानपुर में काली सिंध नदी पर हीचड में एनीकट निर्माण,  बकानी में मोडी में तालाब बनाने की, हरीशचंद्र सागर नहर परियोजना में 35 करोड की राशि की बजट मे घोषणा करने के लिये विधायक सुरेश गुर्जर ने जल संसाधन मंत्री को धन्‍यवाद भी ज्ञापित किया साथ ही पेयजल की मांग पर चर्चा करते हुए सरकार की भेदभाव करने नीति की आलोचना करते हुए कहां कि पिछले बजट में हर विधानसभा मे 10 -10 हेंडपंप और 5-5 ट्यूबवैल दिये थे, मगर राजनैतिक भेदभाव के चलते मेरी विधानसभा में एक भी नही लगाया तथा उन्‍हे बिना भेदभाव के लगाने की मांग रखी है। जल जीवन मिशन के कार्यो की सुस्‍त गति की ओर सरकार का ध्‍यान आकर्षित करते हुये कहा कि  खानपुर के 405 गांवो में से केवल 73 गांवो मे कार्य पूर्ण हुआ है।इन गांवो में 4 वृहद परियोजना के माध्‍यम से पेयजल पहुचाने की स्‍वीकृति जारी की गई। इसमे से परवन अकावद परियोजना के अंतर्गत 143 गांवो को पेयजल पहुंचाने की स्‍वीकृति जारी की हुई है।किंतु अभी तक तो टेंडर ही नही हुए है।साथ ही मांग रखी कि खानपुर के बचे हुये 332 गांवो को जल्‍द से जल्‍द पेयजल उपलब्‍ध कराया जाएं फ्लोराईड की समस्‍या के निदान के लिए मांग उठाते हुए कहां कि खानपुर मुख्‍यालय, गाडरवाडा,डूंडी,पिपलाद, जोलपा,सूमर,मोहम्‍मद पुरा, झागर,गोल्‍याखेडी,देवपुरा, भंवरा,मेंहदढी,कंवलदा, कंवरपुरा मंड  आदि कई गांवो में लोग फ्लोराइड युक्त जहरीला पानी पीने को मजबूर है।इनको प्राथमिकता से शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराया जाएं