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Uploaded On 2025-03-03 02:06:07

महाकुंभ में अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों को अपनों का इंतजार, नहीं बता पा रहे नाम और पता

एसआरएन अस्पताल के वार्ड में उनकी निगाहें अपनों को खोज रहीं हैं।

प्रयागराज(संजीत कुमार उपाध्याय)।महाकुंभ में बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु थे, जो दूर-दराज से संगम आकर डुबकी लगाने के साथ मजदूरी करके दो जून की रोटी भी कमा रहे थे। लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि पिछले कई दिनों से अस्पताल में लावारिस भर्ती हैं। इसमें कुछ मरीज तो अपना नाम पता बता लेते हैं लेकिन कुछ की पहचान बेड नंबर बन गई है। एसआरएन अस्पताल के वार्ड में उनकी निगाहें अपनों को खोज रहीं हैं। मरीजों को भी उम्मीद है कि किसी दिन ठीक होकर अपने घर जाएंगे लेकिन अभी कोई उनका वारिस नहीं आया।बर्न यूनिट में भर्ती 30 वर्षीय सतना के रहने वाले बल्लू ने बताया कि महाकुम्भ में स्नान व काम के सिलसिले में आया था। एक दिन मेले में अलाव तापते समय गिर जाने से जल गया। हालांकि स्थिति अभी सामान्य है। बल्लू केवल अपना पता ही बता पाते हैं। भर्ती अन्य मरीजों का कहना है कि बल्लू को दौरे की बीमारी भी है।इसी तरह पुरुष सर्जरी वार्ड में भर्ती कौशाम्बी पिपरी निवासी 50 वर्षीय रामदास दस दिनों से भर्ती हैं। मेले में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया था। रामदास ने बताया कि उनके 28 वर्षीय बेटे पुत्तीलाल की दो साल पहले असायमिक मौत हो गई थी। पत्नी भी 25 साल पहले साथ छोड़कर चली गई। रामदास के भाई और चाचा गांव में ही रहते हैं लेकिन अभी कोई अस्पताल नहीं आया। रामदास महाकुम्भ में मजदूरी भी करते थे। इसी वार्ड में भर्ती हुकुम सिंह मूल रूप से चिरगांव झांसी के हैं। उन्हें बेहोशी की हालात में लगभग 15 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हुकुम ने बताया कि गांव में उनके भाई इमरत सिंह रहते हैं लेकिन उन्हें मेरे बारे में जानकारी नहीं है। पत्नी का निधन हो चुका है। बच्चे भी नहीं हैं। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती प्रयागराज, जोंधवल जोंधवल के रहने वाले 58 वर्षीय भीम बहुत कम बोल पाते हैं लेकिन अपना नाम पता लिख देते हैं। इमरजेंसी वार्ड में एक बुजुर्ग महिला समेत चार लावारिस और भर्ती हैं लेकिन वे अपने बारे में कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रवक्ता डॉ. संतोष सिंह के अनुसार लावारिस मरीजों को बेहतर इलाज चल रहा है। स्वस्थ हो जाने पर घर जाना चाहेंगे तो मदद की जाएगी।