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Uploaded On 2025-03-02 19:39:21

हमारा दुर्भाग्य, हमारे ईंट भट्टे एनसीआर में: संजय गोयल

हमारा दुर्भाग्य, हमारे ईंट भट्टे एनसीआर में: संजय गोयल

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

बुलंदशहर (हितेश शर्मा)। ईंट भट्ठा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष और भारत ईंट उद्योग के स्वामी संजय गोयल ने एनसीआर में स्थित ईंट भट्टों की समस्याओं को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भट्टों के लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं, बल्कि एनसीआर के कड़े नियम-कानून, अफसरशाही की सख्ती और असामाजिक तत्वों द्वारा ब्लैकमेलिंग के कारण भट्टा स्वामी गंभीर आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। करोड़ों रुपए के निवेश के बावजूद यह लघु उद्योग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है।


संजय गोयल ने बताया कि कानून के तहत भट्टे वर्ष में केवल चार महीने, 1 मार्च से 30 जून तक ही उत्पादन कर सकते हैं, लेकिन एनसीआर से लगी सीमाओं पर स्थित ईंट भट्टे इस नियम का लाभ उठाते हुए अवैध रूप से लाखों ईंटें ट्रॉलियों में भरकर पहले ही एनसीआर में बेच देते हैं। इससे स्थानीय भट्टों की बिक्री प्रभावित होती है। इसके अलावा, चार महीने के उत्पादन में भी पूरे साल के खर्चे जैसे भट्टा किराया, जमीन किराया, कर्मचारियों के वेतन और सरकारी टैक्स चुकाने पड़ते हैं। बारिश के दौरान खुले में रखी कच्ची ईंटें गलने से लाखों रुपए का नुकसान भी होता है।


उन्होंने कहा कि यह लघु उद्योग लाखों लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ है और हजारों लोगों को रोजगार देता है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में इसे बचा पाना मुश्किल हो रहा है। संजय गोयल ने मांग की कि बुलंदशहर जिले के सभी ईंट भट्टों को एनसीआर के नियमों से बाहर किया जाए और भट्टा स्वामियों को किसानों की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा जाएगा, ताकि इस उद्योग को संकट से उबारा जा सके।