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Uploaded On 2025-02-28 07:14:55

कुंभ मेला : हिंदू जगत का सूक्ष्म दर्शन’ का विमोचन:स्मृतिशेष इतिहासकार, पुरातत्वविद प्रो. ज्ञानेंद्र कुमार राय की इस पुस्तक में कुंभ की ऐतिहासिकता का विशद वर्णन

पुस्तक का विमोचन सनातन मानबिंदुओं को वैश्विक फलक पर प्रतिष्ठित करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से हो।

प्रयागराज(संजीत कुमार उपाध्याय)।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मृतिशेष इतिहासकार, पुरातत्वविद एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. ज्ञानेंद्र कुमार राय द्वारा रचित पुस्तक ‘कुंभ मेला : माइक्रोकॉस्म ऑफ द हिंदू वर्ल्ड’ (कुंभ मेला : हिंदू जगत का सूक्ष्म दर्शन) का विमोचन किया। यह पुस्तक लिखने के दौरान ही प्रो. राय का गोलोकगमन हो गया था और उनके बाद उनकी पुत्री डॉ. स्मिता राय ने इसे पूरा किया तथा पत्नी आशा राय ने इसका प्रकाशन सुनिश्चित कराया।लेखन शुरू करने के साथ ही प्रो. राय की इच्छा थी कि इस पुस्तक का विमोचन सनातन मानबिंदुओं को वैश्विक फलक पर प्रतिष्ठित करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से हो। पुस्तक‘कुंभ मेला : माइक्रोकॉस्म ऑफ द हिंदू वर्ल्ड’ में कुंभ मेले की ऐतिहासिक यात्रा का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें प्राचीन ग्रंथों में कुंभ मेले के उल्लेख से लेकर मध्यकालीन और आधुनिक काल के दौरान इसके विकास तक को समाहित किया गया है। महाकुंभ का महापर्व समय के साथ सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों के अनुसार कैसे ढला, इसके बावजूद अपनी आत्मा को कैसे संरक्षित रखा, इसका यह पुस्तक एक सूक्ष्म और गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में ऐतहासिक संदर्भो से इस तथ्य को प्रतिष्ठित किया गया है कि कुंभ मेला सनातन अथवा हिंदुत्व को नजदीक से समझने का महत्वपूर्ण दर्शन है। यह महज एक धार्मिक जुटान नहीं है बल्कि हिंदुत्व की शक्ति और अनेकता में एकता के सनातन संदेश का साक्ष्य है। कुंभ की इन्हीं विशेषताओं से यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की मान्यता दी है। प्रो. राय की इस पुस्तक प्रयागराज के अलावा हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के विविध आयामों पर समग्र दृष्टि डालती है। इसमें अखाड़ों के इतिहास, उनकी परंपरा और सनातन धर्म की रक्षा में उनके महत्व को विस्तार से रेखांकित करती है। इससे यह समझने का भी अवसर मिलता है कि कल्पवास, कुंभ मेले का जीवन कैसे सनातन की जीवंत परंपरा का परिचायक है। पुस्तक विमोचन के अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह, डॉ. एसपी सिंह, प्रमथनाथ मिश्र, रामजन्म सिंह, डॉ. अरुण कुमार सिंह, डॉ. ओपी सिंह, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार राव आदि भी उपस्थित रहे।