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Uploaded On 2025-02-16 20:15:45

बागपत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार दादी महाराज जी का मंदिर

बागपत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार दादी महाराज जी का मंदिर

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

बागपत/बुलंदशहर/उत्तर प्रदेश (हितेश शर्मा)। जनपद बागपत की ऐतिहासिक धरा पर अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों का निर्माण हुआ है, जिनमें फुलैरा गांव का हरनन्दी माता जी का मंदिर विशेष महत्व रखता है। इसे दादी महाराज जी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह बागपत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है।


मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के प्रमुख सेवादार राजगिरी जी महाराज ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास औरंगजेब के शासनकाल से जुड़ा है। उस समय हिंदुओं को अपनी आस्था को बनाए रखने में तमाम कष्टों का सामना करना पड़ता था। उसी दौर में फुलैरा गांव में भगवान शिव के परम भक्त बम्बोला के परिवार में हरनन्दी नामक कन्या का जन्म हुआ।


हरनन्दी बचपन से ही धार्मिक कार्यों में गहरी रुचि रखती थीं और भगवान शिव की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने युवावस्था तक लगभग सभी धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर लिया था। भगवान शिव की आराधना से उन्हें कई आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त हुईं, जिनका उपयोग वे लोगों की बीमारियां दूर करने में करती थीं।


कहा जाता है कि औरंगजेब के शासन में जब स्थिति विकट हो गई, तो हरनन्दी की शादी बुलंदशहर के एक गांव में कर दी गई। शादी के बाद जब डोली ससुराल के लिए निकली और बुलंदशहर पहुंची, तो मुंह दिखाई के समय डोली में हरनन्दी नहीं मिलीं। इस घटना से स्तब्ध होकर ससुराल वाले फुलैरा पहुंचे और बम्बोला को इसकी जानकारी दी।


बम्बोला सभी को लेकर उस जंगल में गए जहां हरनन्दी पूजा किया करती थीं। जब हरनन्दी ने अपने तप से यह जाना कि परिजन उन्हें लेने आ रहे हैं, तो उन्होंने धरती माता से अपनी रक्षा की प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना सुनते ही धरती फटी और हरनन्दी उसमें समा गईं। परिवार वालों ने यह दृश्य अपनी आंखों से देखा लेकिन कुछ कर नहीं सके।


इसके बाद उस स्थान को खोदा गया, लेकिन वहां केवल हरनन्दी की खड़ाऊ ही मिली। जिस स्थान पर हरनन्दी माता भूसमाधि में लीन हुईं, वहीं उनका मंदिर बना दिया गया। आज भी वहां उनकी खड़ाऊ स्थापित है और भक्तगण श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि माता हरनन्दी आज भी धरती के नीचे भगवान शिव की भक्ति में लीन हैं और सच्चे मन से आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।


मंदिर के समीप खुदाई के बाद बना तालाब भी चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। प्रतिवर्ष यहां माता के जन्मदिन और भूसमाधि दिवस पर विशेष आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु माता के दरबार में अपनी हाजिरी लगाते हैं।


हरनन्दी माता जी का यह मंदिर जनपद बागपत के आध्यात्मिक व धार्मिक जीवन का एक अहम केंद्र बन चुका है। भक्तों की आस्था और विश्वास इसे एक पावन तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित करते हैं, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।