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Uploaded On 2025-02-06 22:36:02

निरंतर ऑनलाइन शिक्षण से संस्कृत का विस्तार – निदेशक

निरंतर ऑनलाइन शिक्षण से संस्कृत का विस्तार – निदेशक

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा फरवरी 2025 सत्र की संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा का शुभारंभ किया गया। इस कक्षा के लिए बड़ी संख्या में छात्रों ने आवेदन किया, जिससे संस्कृत भाषा के प्रति बढ़ती रुचि स्पष्ट हुई।  


कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में निदेशक विनय श्रीवास्तव ने ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली के माध्यम से संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत का उत्थान संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में ऑनलाइन शिक्षण एक प्रभावी माध्यम बन रहा है। साथ ही, उन्होंने बसंत पंचमी के अवसर पर छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं।  


योजना पर्यवेक्षक भगवान दास ने बताया कि किसी भी जाति या क्षेत्र का व्यक्ति संस्थान की वेबसाइट पर जाकर उचित समय पर पंजीकरण कर कक्षा में भाग ले सकता है। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी डॉ. दिनेश मिश्र, समन्वयक धीरज मैठाणी, दिव्यरंजन, राधा शर्मा सहित अन्य विद्वानों ने अपने विचार साझा किए।  


शिक्षकों ने पिछले वर्ष के शैक्षिक अनुभवों को साझा करते हुए इस सत्र में नए उत्साह के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रतिभागी शिक्षकों ने बसंत ऋतु में यात्रा संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु ऑनलाइन शिक्षण को उत्तम विकल्प बताया।  


इस सत्र में संस्कृत प्रेमियों, समाजसेवियों और देश-विदेश के छात्रों ने भाग लिया। शिक्षकों के अनुसार, आगामी समय में इस कक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है।  


उद्घाटन सत्र में विनोद अंबरकर, बृजनंदन कौशिक, नीति, अजीत मौर्य, चैतन्य और प्रियंका सहित अन्य छात्रों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस पहल से संस्कृत भाषा को नया जीवन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।