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Uploaded On 2025-02-05 22:42:42

बिजली का निजीकरण गरीब के घर का उजाला छीन लेगा : चन्द्रपाल सिंह

किसान सभा और माकपा का अधिशासी अभियंता के समक्ष धरना प्रदर्शन

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

शिकारपुर (रीशू कुमार)। बिजली के निजीकरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश किसान सभा और कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रदेशव्यापी आह्वान पर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड शिकारपुर के समक्ष एक बड़ा धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव चन्द्रपाल सिंह ने कहा कि भाजपा की योगी सरकार गरीबों के घर में अंधेरा करके पूंजीपतियों की दिवाली मनवाने के लिए बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। 


चन्द्रपाल सिंह ने आरोप लगाया कि योगी सरकार स्मार्ट मीटर लगाने, लाइन लॉस को उपभोक्ताओं पर डालने, पीक अवर्स (बिजली की अधिक खपत की अवधि) में बिजली की बढ़ी दर वसूलने, किसानों के बिल माफी के लिए नलकूपों पर मीटर लगवाने की शर्त थोपने, और कर्मचारियों की स्थायी भर्ती बंद करने जैसे जनविरोधी निर्णय कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार बिजली को निजी कंपनियों को सौंपने में सफल हो गई, तो किसान खेती नहीं कर पाएंगे और आम उपभोक्ताओं को निजी कंपनियां सरेआम लूटेंगी। इससे गरीबों के घरों में फिर से अंधेरा छा जाएगा और किसान नलकूपों से खेती नहीं कर सकेंगे। 


उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी और दुकानदार बर्बाद हो जाएंगे और हजारों कर्मचारी निजी कंपनियों के बंधुआ मजदूर बन जाएंगे। भाजपा ने धर्म के नाम पर हिंदुओं के वोट लेकर सरकार बनाई और अब उन्हीं की बिजली को पूंजीपतियों को बेचने का षड्यंत्र कर रही है, जिससे तमाम धंधे चौपट हो जाएंगे। 


किसान सभा के मण्डल सचिव जयभगवान शर्मा ने कहा कि बीजेपी की योगी सरकार कुम्भ में हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या तक को छिपा रही है और धार्मिक उत्सवों का उपयोग केवल वोट बटोरने के लिए कर रही है। इससे देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो गया है और लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने पश्चिमी जिलों से आए नेताओं से अपील की कि वे जनता की समस्याओं का समाधान करने में विफल योगी सरकार के खिलाफ जनता को एकजुट कर आंदोलन को तेज करें और संगठन को मजबूत बनाएं। 


धरने के बाद प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन अधिशासी अभियंता को सौंपा, जिसमें बिजली के निजीकरण को रोकने, स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय को वापस लेने, नलकूपों पर लगाए गए मीटरों को हटाने, किसानों के बिजली बिलों को बिना शर्त माफ करने, पीक अवर्स के नाम पर बिजली की दरों में वृद्धि को बंद करने, आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद करने, संविदा कर्मचारियों को विभागीय कर्मचारी घोषित करने, और बिजली चोरी के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न बंद करने जैसी मांगें रखी गईं। 


अधिशासी अभियंता और नायब तहसीलदार ने धरना स्थल पर पहुंचकर मांगों से संबंधित ज्ञापन लिया। दोनों अधिकारियों ने ज्ञापन को मुख्यमंत्री को भेजने और बिजली की स्थानीय समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। 


प्रदर्शन में अर्जुन सिंह, वीरेंद्र लौर, गजेन्द्र सिंह, मूलचन्द त्यागी, तुंगल सिंह, सुभाष सिंह, ब्राह्मपाल सिंह, भोलू तेवतिया, वीरपाल सिंह, घनश्याम सिंह, साबिर अली, फकीरा खा, मनोज, हरेन्द्र सिंह, देवेन्द्र सिंह, महिपाल सिंह, समय सिंह, बंटी, हरवीर, शिव सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। धरने का संचालन बच्चू सिंह ने किया, जबकि अध्यक्षता मांगेराम त्यागी ने की।