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Uploaded On 2025-02-01 21:23:22

बजट में शिक्षा: एआई पर बढ़ावा, पांच नये आईआईटी में बुनियादी ढांचे का विस्तार

केंद्रीय बजट 2025-26 में शिक्षा मंत्रालय को 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किया गया है

नई दिल्ली । सरकार द्वारा 2025-26 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए की गई बड़ी घोषणाओं में पांच नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में 6,500 और छात्रों की शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार, मेडिकल की 10,000 नई सीट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देना शामिल है।केंद्रीय बजट 2025-26 में शिक्षा मंत्रालय को 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किया गया है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उच्च शिक्षा विभाग को जहां 50,067 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, वहीं स्कूली शिक्षा विभाग को 78,572 रुपये मिले हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवां केंद्रीय बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का डिजिटल रूप उपलब्ध कराने के लिए ‘भारतीय भाषा पुस्तक’ योजना शुरू करेगी। उन्होंने घोषणा की कि सरकार पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी और आईआईटी पटना का विस्तार करेगी। आईआईटी पटना के विस्तार की घोषणा ऐसे समय की गई है जब बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में 23 आईआईटी में छात्रों की कुल संख्या 100 प्रतिशत बढ़ी है और यह 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है। 2014 के बाद शुरू किए गए पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा ताकि 6,500 और छात्रों को शिक्षा मिल सके। आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।’’ केंद्रीय बजट में आईआईटी को 11,349 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के 10,467 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक है। सीतारमण ने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में 75,000 सीट जोड़ने के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अगले साल मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीट जोड़ी जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने 10 वर्षों में लगभग 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल शिक्षा सीट जोड़ी हैं, जो 130 प्रतिशत की वृद्धि है। अगले वर्ष, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीट जोड़ी जाएंगी, जो अगले पांच वर्षों में 75,000 सीट जोड़ने के लक्ष्य की कदम है।’’ वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे और अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी ताकि युवाओं के मन में वैज्ञानिक सोच पैदा की जा सके।’’ सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2023 में कृषि, टिकाऊ शहरों और स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों की घोषणा की थी। अब 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।’’ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) तक, शिक्षा मंत्रालय के तहत अधिकांश निकायों के आवंटन में बढ़ोतरी हुई है। शीर्ष बिजनेस स्कूल – भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), जिन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके आवंटित बजट में लगातार कटौती का सामना करना पड़ा, को भी पिछले साल के संशोधित अनुमान 227 करोड़ रुपये के मुकाबले 251 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन मिला है। हालांकि, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) को दिए जाने वाले बजट में 137 करोड़ रुपये की कमी आई है। इसी तरह, विश्व स्तरीय संस्थानों के लिए आवंटित राशि में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी की गई है। पिछले साल आवंटित राशि 1000 करोड़ रुपये थी जिसे अब घटाकर 475 करोड़ रुपये कर दिया गया है।