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Uploaded On 2025-01-22 21:53:54

स्ट्रोक के इलाज में समय पर सर्जरी बेहद ज़रूरी

स्ट्रोक के इलाज में समय पर सर्जरी बेहद ज़रूरी

उजाला हितैषी एक्स्प्रेस,

बुलंदशहर (हितेश शर्मा)। स्ट्रोक आज दुनिया भर में मौत और अपंगता का प्रमुख कारण बन चुका है। भारत में भी इसकी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और बैठने वाली जीवनशैली के चलते। स्ट्रोक के समय हर सेकंड कीमती होता है। 

समय पर मेडिकल मदद न केवल मरीज़ की जान बचा सकती है, बल्कि उसके ठीक होने की संभावना को भी बढ़ा सकती है। स्ट्रोक के इलाज में कई बार दवाओं के साथ बेहतर सर्जरी की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया मरीज़ को तेजी से ठीक करने और उसकी सामान्य जिंदगी लौटाने में मदद करती है।


डॉ. सुमित गोयल, ग्रुप डायरेक्टर न्यूरोइंटरवेंशनिस्टऔर न्यूरोसर्जन, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने बताया, "स्ट्रोक का सही समय पर इलाज मरीज़ की जान बचाने के लिए सबसे अहम कदम है। सर्जरी के ज़रिए ब्लड क्लॉट को हटाना या ब्रेन प्रेशर को कम करना जैसे उपाय मरीज़ को बेहतर जिंदगी देने में मदद करते हैं। समय पर सही कदम उठाने से स्ट्रोक के असर को काफी हद तक रोका जा सकता है।"


स्ट्रोक के इलाज में न्यूरोसर्जरी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इस्केमिक स्ट्रोक, जहां दिमाग तक खून की सप्लाई रुक जाती है, उसमें थ्रोम्बेक्टॉमी जैसी सर्जरी के ज़रिए ब्लड क्लॉट को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया स्ट्रोक के लक्षण दिखने के कुछ घंटों के भीतर करनी होती है ताकि दिमाग तक ब्लड सप्लाई फिर से शुरू की जा सके। 


वहीं, हैमरेजिक स्ट्रोक में जब दिमाग के भीतर खून जमा हो जाता है, तो इसे हटाने के लिए सर्जरी की जाती है। इससे दिमाग पर दबाव कम होता है और आगे की चोटों को रोका जा सकता है। एनेरिज़म कॉइलिंग, जो एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है, दिमाग की कमजोर खून की नलियों को स्थिर करने और उनके फटने के खतरे को कम करने के लिए उपयोग की जाती है। 


स्ट्रोक के बाद मरीज़ की देखभाल और रिहैबिलिटेशन भी उतना ही जरूरी है। सर्जरी के बाद मरीज़ को खास देखभाल की ज़रूरत होती है, जिसमें दिमाग के कार्य पर नजर रखना, ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना और उचित पोषण शामिल है। इसके साथ ही, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी और अन्य उपचार मरीज़ की खोई हुई क्षमताओं को वापस लाने और उसकी दैनिक गतिविधियों को फिर से सामान्य बनाने में मदद करते हैं।


स्ट्रोक से बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है। हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम, ब्लड प्रेशर का नियंत्रण और स्मोकिंग से बचना स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। नियमित हेल्थ चेकअप और समय रहते हाई कोलेस्ट्रॉल या हार्ट की अनियमित धड़कन जैसी समस्याओं की पहचान करना भी स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है।


स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें तेजी से इलाज लेना बेहद ज़रूरी है। न्यूरोसर्जरी और बेहतर मेडिकल तकनीकों के साथ, अब स्ट्रोक के मरीज़ों के बचने और ठीक होने की संभावना बहुत बढ़ गई है। सही समय पर इलाज और व्यापक देखभाल अपनाकर मरीज़ों को दोबारा सामान्य जीवन दिया जा सकता है।