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Uploaded On 2025-01-15 09:55:00

अविस्मरणीय समारोह के साथ ऐतिहासिक खो खो विश्व कप का नई दिल्ली में हुआ उद्घाटन

उत्साह के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मशाल जलाकर पहले विश्वकप का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली । खो खो विश्व कप का उद्घाटन संस्करण सोमवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में एक जीवंत उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। जोश और उत्साह के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मशाल जलाकर पहले विश्वकप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला और अंतरराष्ट्रीय खो खो महासंघ (IKKF) और भारतीय खो खो महासंघ (KKFI) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने 23 देशों के खिलाड़ियों का स्वागत किया। खो-खो विश्व कप का पहला संस्करण आज, 13 जनवरी से 19 जनवरी तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित हो रहा है। शो की शुरुआत धरती माता को समर्पित सैंड आर्ट प्रोजेक्शन से हुई, जिसके बाद भारतीय ध्वज की औपचारिक परेड ने उपस्थित दर्शकों को गर्व से भर दिया। भारतीय खो खो महासंघ ने क्यूब उठाकर पुरुष और महिला दोनों टूर्नामेंट के लिए विश्व कप ट्रॉफी का अनावरण किया और इसी के साथ पूरे स्टेडियम में जोरदार जयकारे गूंज उठे। भारत का जश्न मनाते हुए और देश की जीवंत और रंगीन संस्कृति को उजागर करते हुए एक शानदार नृत्य प्रदर्शन के बाद, भाग लेने वाले देशों के खिलाड़ियों ने स्टेडियम के चारों ओर परेड की और भीड़ की ओर हाथ हिलाकर उसका अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद गणमान्य व्यक्तियों ने आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट का उद्घाटन करने के लिए मंच संभाला। इस अवसर पर केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, मैं यहां मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद देता हूं और अपना समर्थन प्रदर्शित करता हूं। खो खो को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना हमारा सपना था। और आज इस टूर्नामेंट के साथ हमारे सपने सच हो रहे हैं। सभी आने वाले देशों को इस खेल का आनंद लेते और इतने उत्साह और जोश के साथ खेलते देखना खेल के लिए एक आशाजनक भविष्य सुनिश्चित करता है। हम सभी टीमों को टूर्नामेंट के लिए शुभकामनाएं देते हैं। वहीं, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा, खो-खो सिर्फ एक खेल नहीं है, यह भारत की समृद्ध विरासत का एक जीवंत प्रमाण है। आइए हम सभी निष्पक्ष खेल की भावना को बनाए रखें और प्रतिस्पर्धा के सार को बनाए रखें। खो-खो विश्व कप हमारे स्वदेशी खेल के प्रति हमारे जुनून को नवीनीकृत करती हूं। मैं सभी गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रशंसकों और उनकी उपस्थिति और इस अद्भुत प्रयास के लिए उनके समर्थन का धन्यवाद करती हूं। आइए हम इस टूर्नामेंट को उत्साह के साथ मनाएं और इस विश्व कप को आने वाले कई वर्षों तक याद रखें। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, मुझे इस इस बात का गर्व है की भारत इस अद्भुत टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। भारत से शुरू हुआ खो-खो अब 50 देशों में खेला जा रहा है। केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने खेल को बढ़ावा देने के लिए अद्भुत काम किया है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही एशियाई खेलों और ओलंपिक में खो-खो खेला जाएगा। मैं 23 देशों के सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं और इसमें शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे के साथ मिलकर विश्व कप का आधिकारिक उद्घाटन किया तथा भारत और नेपाल के बीच टूर्नामेंट के पहले मैच की शुरुआत करते हुए एक प्रेरक भाषण दिया। धनखड़ ने कहा, यह टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत रही है। ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया खो-खो का जश्न मना रही है। आज का यह महत्वपूर्ण अवसर हमारे खेलों के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज हो जाएगा। सुधांशु मित्तल ने इस शानदार इवेंट से मेरी आंखें खोल दी हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारे अपने स्वदेशी खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेंगे। खो-खो से मेरा पुराना नाता है। खेल एक कला है, इसमें चपलता, गति और चतुराई की आवश्यकता होती है। मैं टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी देशों को शुभकामनाएं देता हूं।