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Uploaded On 2025-01-07 07:48:36

ग्रामीण मुद्दों पर सार्वजनिक बहस करें केजरीवाल : बिधूड़ी

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर दिल्ली देहात के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने लगाया है।

नई दिल्ली । पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर दिल्ली देहात के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने लगाया है। दिल्ली देहात के मामले पर बिधूड़ी ने केजरीवाल को बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार बनने पर केवल दो महीनों के भीतर इन समस्याओं का समाधान भाजपा करेगी। रामबीर सिंह बिधूड़ी ने कहा आप सरकार ने दिल्ली देहात और किसानों के हित में कोई काम नहीं किया है। यहां तक कि उन्होंने अपने किए गए वादे भी पूरे नहीं किए। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली देहात की विस्तारित आबादी को नियमित करने का प्रस्ताव शीला दीक्षित सरकार ने 2013 में पारित किया और इसे अधिसूचित कर दिया गया था। गांवों की आरडब्ल्यूए से कहा गया था कि वे अपना लेआउट प्लान जमा कराएं। सैंकड़ों लेआउट प्लान दिल्ली सरकार के पास जमा हुए, लेकिन इस बीच आप पार्टी सत्ता में आ गई और आज तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया। बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने वादा किया था कि दिल्ली देहात का गृह कर माफ कर दिया जाएगा, लेकिन नहीं किया। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाती थी, उन्हें वैकल्पिक आवासीय प्लॉट दिया जाता था, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस योजना को बंद करा दिया। इसी तरह किसानों के उत्तराधिकारियों के नाम म्युटेशन को भी बंद करा दिया था, जिसे पिछले दिनों भाजपा सांसदों के अनुरोध के बाद उपराज्यपाल ने शुरू कराया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के किसानों को फसल पर एमएसपी का 50 प्रतिशत अतिरिक्त दिया जाएगा, लेकिन इस वादे को भी पूरा नहीं किया। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वादा किया, लेकिन किसानों से बिजली की व्यावसायिक कीमत वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन भूमिहीन किसानों को 20 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत जमीन दी गई थी उन्हें दिल्ली सरकार को उसका मालिकाना हक देना था। उस फैसले को भी यह सरकार दबाकर बैठी रही। उन्होंने कहा कि धारा 81-ए और 33-ए को समाप्त करने का फैसला भी दिल्ली सरकार के स्तर पर ही हो जाता, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे भी लागू नहीं किया। गांवों को शहरीकृत घोषित करने का फैसला न किए जाने से ये धाराएं लागू रहीं और इसी कारण लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू नहीं की जा सकी। इन सबको लेकर दिल्ली के किसान परेशान हैं।