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Uploaded On 2024-12-26 09:16:49

देश में दवाओं की अवैध ऑनलाइन बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए- राजेंद्र गुर्जर, हापुड़

जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रही है को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए,एआईओसीडी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया।

उजाला हितैषी एक्सप्रेस पुष्पेंद्र कुमार ब्यूरो चीफ 

हापुड़ ।कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने की विशेष अनुमति, जिसका अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, जन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रही है को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए,एआईओसीडी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया।

आल इंडिया आर्गेनाईजेशन ऑफ़ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट (एआईओसीडी), (ओसीडी युपी) पूरे भारत में सभी 12.40 लाख केमिस्ट एवं वितरकों का प्रतिनिधित्व करता है, तीसरी बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के दौरान जारी अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) को रद्द करने की अपील की है।

यह अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में प्रकाशित की गई थी, जिसमें दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण को विनियमित करने के लिए औषधि अधिनियमकी धारा 26 बी के तहत कुछ शर्तों के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था और इसके तहत घर-घर दवाइयों की आपूर्ति की अनुमति दी गई थी और कुछ नियमों, जैसे दवाओं की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर मुहर लगाने की आवश्यकता (नियम 65) को अस्थायी रूप से केवल विशेष परिस्थितियों के अमल में लाने से अलग रखा गया था । ए आई ओसी डी  के अध्यक्ष जे एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों में दवाओं की डिलीवरी करना था, लेकिन अब स्विगी और अन्य डिजिटल प्लेट फॉर्मस द्वारा आवश्यक नियामक सुरक्षा उपायों का पालन किए बिना घर पर दवाएं पहुंचाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। ये सभी अवैध प्लेटफॉर्म बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं विक्रय कर रहे हैं, जिससे स्व-चिकित्सा, नशीली दवाओं का दुरुपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध ( एएमआर) जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। ऐसे सभी अवैध प्लेटफॉर्म मरीजों की सुरक्षा को नजर अंदाज करके केवल अपने मुनाफे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हापुड़ कैमिष्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र गुर्जर ने कहा है कि इस अधिसूचना का मूल उद्देश्य विशिष्ट परिस्थितियों में वैध लाइसेंस प्राप्त कर नजदीकी दवा विक्रेताओं के लिए दवाओं की डिलीवरी करना था - ना कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के द्वारा महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को दरकिनार करना। ये सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अपनी सुविधा के लिए दवा वितरण के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिसका आम जनता के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। एआईओसीडी की मांग है कि महामारी का आपातकालीन चरण बहुत पहले ही समाप्त हो चुका है और अब देश में सामान्य स्थिति लौट आई है, इसलिए यह अधिसूचना अब प्रासंगिक नहीं है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। दवाओं की बिक्री और वितरण के लिए प्रिस्क्रिप्शन और अन्य सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। देश में दवाओं की अवैध ऑनलाइन बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए ताकि दवाओं की अनियमित बिक्री को रोका जा सके।

एआईओसीडी ,ओसीडीयुपी ओर हापुड़ कैमिष्ट एसोसिएशन का मानना ​​है कि जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सरकार का कदम जरूरी है। अगर सरकार इस हेतु सकारात्मक कार्यवाही नहीं करती है तो एआईओसीडी अपने सभी 12.40 लाख सदस्यों के साथ आंदोलन करने को मजबूर होगी। राजेंद्र गुर्जर अध्यक्ष,

अनुराग अग्रवाल महामंत्री, कैमिष्ट एसोसिएशन हापुड़ 

दिवाकर सिंह अध्यक्ष 

सुधीर अग्रवाल महामंत्री ओसीडी युपी आदि लोगों ने यह मांग उठाई है।